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GURU JI

Biography of Guru ji

नाम:-  मानव गौतम

राष्ट्रीयता :-  भारतीय

जन्म स्थान:- ब्रज नगरी मथुरा उत्तर प्रदेश

शिक्षा:-  बीए, एमए, एलएलबी

पेशा:- एक धार्मिक आचार्य, लेखक और आध्यात्मिक नेता

भक्त:- परम सिद्ध भगत बाबा खाटूश्याम और दास राधा कृष्ण

संस्थापक:-  श्री पीतांबर धाम फाउंडेशन

Guru Ji' s Early Life and Events

श्री मानव जी, गुरु जी का जन्म सन 7 July 1986 ( Somoti Mawas ke din) में मथुरा के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। मानव जी, गुरुजी एक प्रतिष्ठित व्यावसायिक व अधिवक्ता हैं, और नोएडा में रहते हैं। अपने जीवनकाल मे उन्होंने अपना ज्यादातर समय भक्ति व सिद्धि प्राप्त करने में भी लगाया है। गुरुजी, मोहनबाबा व कृष्णराधा जी के परम भक्तों में से एक हैं, और भक्ति साधना में पिछले 20 वर्षों से लीन हैं। गुरुजी समय समय पर धार्मिक क्रिया- कार्य, भंडारे व सामाजिक कार्य करते आये हैं। पूरे भारतवर्ष व विश्व में गुरुजी के भक्तों की संख्या करीब 15000 से ज्यादा है। गुरुजी कभी किसी समस्या के समाधान हेतु कभी किसी भक्त से कोई उपहार व पैसा नही लेते, उनका मानना है कि, उनकी अलौकिक शक्तियां जरूरतमंद लोगों व भक्तों के लिए पूरी तरह निःशुल्क है। गुरुजी सांसारिक जीवन का निर्वाह करते हुए, और 20 वर्षों की तपस्या के बाद अब हजारों व लाखों भक्तों का कल्याण कर रहे हैं। गुरुजी के बाल्यकाल की एक सुंदर घटना है, जो कि पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। घटना इस प्रकार है कि: जब गुरुजी 11 वर्ष की आयु के थे, वह बहुत शरारती प्रवृत्ति के बालक थे। इसी कारणवश उनकी माता श्री बहुत परेशान रहती थी। एक दिन कुछ आश्चर्यचकित करने वाली घटना हुई। हुआ ये की एक बार गुरुजी गाय के तबेले में खेल रहे थे, तभी अचानक कई सारी चारे व अनाज की बोरिया उनके ऊपर गिर गयी, और वह उसमे दब गए। जब परिवार वालो ने उन्हें खोजने की कोशिश की तो उनका कुछ पता नही चला। इसी तरह से 5 दिन बीत गए, और पुलिस भी नाकाम रही गुरुजी की खोज करने में। तभी गाय के तबेले में 6 वें दिन रात्रि को दिव्य प्रकाश देखा गया, और 7 वें दिन रात्रि को 12:07AM उस दिव्य प्रकाश से गुरुजी सारी अनाज व चारे की बोरिया गिरते हुए बाहर निकले। यह सारा दृश्य गुरु जी के घर काम करने वाली एक महिला (दयारानी) ने स्वयं अपनी आंखों से देखा। अगली सुबह तक ये खबर पूरे गाँव मे, पूरे मथुरा में फिर पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गयी, और लोग दर्शन करने आने लगे। जब उनके पिता जी ने उनसे घटना के बारे में पूछा तो गुरुजी संस्कृत में श्लोक बोल रहे थे, और कुछ नही बोल पा रहे थे। कुछ समय पश्चात लोगों की भीड़ और दर्शन करने वालों को देख के पूज्य गुरुजी के पिता श्री को लगा कि कहीं उनके पुत्र का भविष्य व शिक्षा व्यर्थ न हो जाये। 

इसी सोच के साथ वो गुरुजी और परिवार सहित गाजियाबाद स्थापित हो गए, और कार्य करने लगे। वह समय के साथ आम जन जीवन जीने लगे, लेकिन शक्तियां व भक्ति गुरुजी से दूर नही रह पायीं। वह समय समय पे कई विचित्र घटनाएं घटती रही। गुरुजी को भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास पहले से ही हो जाता है। यही कारण है की आज वर्ष 2022 में उनके भक्तों की संख्या 15000 के पार हो गयी है जो कि पूरी दुनिया मे हैं।

गुरु जी की दिव्य शक्ति:-

गुरु जी बाबा खाटू श्याम के परम भगत है, कुछ शक्ति गुरु जी को जन्म से ही प्राप्त है और कुछ शक्ति गुरु जी ने स्वं कठौर तपस्या कर के पाई है। गुरु जी की मुख्य शक्ति में से एक का विवरन मिलता है कि गुरु जी सिर्फ माथा देख कर व्यक्ति के भूत, भविष्य और आज के विषय में बड़ी सातिक भविष्यवाणी करते हैं। हजारो भक्तों के अनुभव के आधार पर गुरु जी की दीक्षा और ज्ञान ने उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। 

कुछ शक्ति इस प्रकार है:-

कौन गुरु जी को अति प्रिय है:-

जो सदा जागृत जीवन में विश्वास करे, जो माता पिता की सेवा करे, जो अपने देश, मातृ भूमि जन्म भूमि, करम भूमि, अपनी भाषा और धर्म को सदा अपने हृदय में उच्च स्थान दे, जो छोटे से प्रेम करे, जिसमे पशु-पक्षियो के लिए दया भाव हो, जो गौ सेवक हो, जो अहंकर से परे हो, जिसमे दुसरो के लिए सेवा भाव हो, जो कृष्णा-राधा का दास हो, जो धर्म का प्रचार करे, जिसके लिए गीता ही ज्ञान हो, जो भगवान को बहार नहीं अपने अंदर खोजे, जो स्त्री का हर रूप मैं सम्मान करता हो, जो सच की राह पर हो, जो अपने किसी भी गुरु को जीवन सम्मान और प्रेम दे, जो जीवन मैं हर समय सीखने की इच्छा रखता हो, जो जिमेदार हो अपने घर परिवार के लिए धर्म और दान पुण्य के लिए इत्यादि। 

गुरु जी से मिलने के नियम:-

गुरु जी हमेशा अपने भक्त से कहते हैं कि तुम्हारा विश्वास ही तुम्हें जितायेगा।

अर्थात:- अगर आपका गुरु जी में विश्वास है तब आपको उनके ज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है और आपकी सब समस्या के निवारण गुरु जी द्वारा बताए गए उपाय से निश्चित ही आपको जीवन की हर समस्या से मुक्ति मिलेगी। गुरु जी से पीले वस्त्र धारण कर के ही मिले और पूर्ण विश्वास से मिले